An autobiography of river essay in hindi
Autobiography of a river...
Autobiography of river in hindi
Autobiography of River Essay in Hindi: लोग कहते हैं कि ज्यों ज्यों आयु बढ़ती है त्यों-त्यों व्यक्ति बड़ा होता जाता है, पर मैं इस बात को नहीं मानती। हजारों वर्ष हो गए, किंतु मेरे जीवन पर समय का प्रभाव कभी नहीं पड़ा। आज भी मैं दौड़ती हुई चलती हूँ और निर्भय होकर विविध प्रदेशों में विचरण करती हूँ ।
नदी की आत्मकथा हिंदी निबंध – Autobiography of River Essay in Hindi
उद्भव
मेरा जन्म यहाँ से बहुत दूर एक पर्वतप्रदेश में हुआ है। मेरा बचपन उस पर्वत की हरी-भरी सुखमय घाटियों में बीता है। जीवन की वह सुबह कितनी सुहावनी थी !
दिनभर ‘कल-कल’ का संगीत गुनगुनाती हुई, वृक्षों के साथ लुका-छिपी खेलती हुई अपनी अठखेलियों में सदा मस्त रहती मैं आगे ही आगे बढ़ती जाती थी।
विकास
एक दिन घाटियों को फाँदकर बाहर निकलने की मेरी इच्छा हुई । घाटियों ने बहुत रोका, पर मैं मानती कैसे?
बड़ी मुसीबतों से चट्टानों को तोड़ती-फोड़ती आखिर मैं एक खुले स्थान पर पहुँच गई: यह स्थान मेरी जन्मभूमि की अपेक्षा बहुत नीचा था। थकान के कारण मेरी गति धीमी पड़ गई । यहाँ मेरे दोनों ओर हरी-भरी घास अपनी शोभा बिखेर रही थी । एक दिन म